यदि आप भारत में एक छात्र या निजी कोचिंग (Coaching Centre) सेंटर में ट्यूटर हैं, तो आपको शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के बारे में पता होना चाहिए। ये दिशानिर्देश कोचिंग क्षेत्र को विनियमित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि आपको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उचित व्यवहार मिले। नए ट्यूशन नियमों के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
पंजीकरण (Registration)
कोचिंग सेंटरों को तीन महीने के भीतर अपने स्थानीय अधिकारियों के साथ पंजीकरण कराना होगा। प्रत्येक शाखा को अलग से पंजीकरण करना होगा और पहचान, पता, योग्यता, अनुभव और बुनियादी ढांचे (infrastructure)जैसे विवरण प्रदान करना होगा।
शुल्क संरचना (Fee Structure)
कोचिंग सेंटरों को उचित शुल्क लेना होगा और छात्रों को रसीद देनी होगी। उन्हें एक प्रॉस्पेक्टस भी प्रकाशित करना होगा जिसमें पाठ्यक्रम, अवधि, कक्षाओं की संख्या आदि सूचीबद्ध हों। जो छात्र पाठ्यक्रम (course) छोड़ देते हैं, वे 10 दिनों के भीतर शेष अवधि के लिए रिफंड प्राप्त कर सकते हैं। यह हॉस्टल और मेस फीस पर भी लागू होता है।
छात्र नामांकन (Student Enrollment)
कोचिंग सेंटर 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों या जिन्होंने अपनी माध्यमिक परीक्षा (secondary exams) पास नहीं की है, उनका नामांकन नहीं कर सकते हैं। उन्हें छात्रों, उनकी उपस्थिति, प्रदर्शन और फीडबैक का रिकॉर्ड रखना होगा। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्र कोचिंग के कारण अपने नियमित स्कूल या कॉलेज की कक्षाएं न छोड़ें।
ट्यूटर योग्यता (Tutor Qualification)
कोचिंग सेंटरों को ऐसे ट्यूटर नियुक्त करने होंगे जिनके पास कम से कम स्नातक (Graduation) की डिग्री हो और कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो। उन्हें ट्यूटर्स की साख की जांच करनी होगी और उन्हें ठीक से प्रशिक्षित करना होगा। उन्हें निर्धारित पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या (prescribed curriculum and syllabus) का पालन करना होगा, और सीखने के लक्ष्यों से विचलित नहीं होना होगा।
बुनियादी ढाँचे की आवश्यकताएँ (Infrastructure Requirements)
कोचिंग सेंटरों को छात्रों के लिए पर्याप्त जगह, वेंटिलेशन, प्रकाश व्यवस्था, फर्नीचर और उपकरण उपलब्ध कराने होंगे। उन्हें एक कक्षा में प्रति छात्र कम से कम एक वर्ग मीटर (Sq Mtr) क्षेत्र आवंटित करना होगा। उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित अग्नि सुरक्षा कोड, भवन सुरक्षा कोड और अन्य मानकों का पालन करना होगा। उन्हें पीने का पानी, शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा और आपातकालीन निकास जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करनी होंगी।
मार्केटिंग प्रैक्टिस (Marketing Practices)
कोचिंग सेंटरों को छात्रों या अभिभावकों को भ्रामक विज्ञापनों या झूठे वादों से बचना होगा। उन्हें विज्ञापनों में कोचिंग सेंटर का नाम, पता, पंजीकरण संख्या और संपर्क विवरण का उल्लेख करना होगा। उन्हें किसी भी सरकारी या प्रतिष्ठित संस्थान के नाम या लोगो का उपयोग उनकी अनुमति के बिना नहीं करना होगा। जब तक उनके पास वैध सबूत न हो, उन्हें किसी भी प्राधिकारी से किसी संबद्धता या मान्यता का दावा नहीं करना होगा।
छात्र कल्याण (Student Well-being)
कोचिंग सेंटरों को छात्रों के लिए को – करीकुलर एक्टिविटीज, करियर मार्गदर्शन और मनोवैज्ञानिक परामर्श (psychological counseling) प्रदान करने होंगे। उन्हें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और तनाव के स्तर की निगरानी करनी होगी और निवारक उपाय (preventive measures) करने होंगे। उन्हें छात्रों को अपनी शिकायतें बताने के लिए एक शिकायत बॉक्स या रजिस्टर उपलब्ध कराना होगा। छात्रों की शिकायतों और शिकायतों के समाधान के लिए उन्हें एक समिति बनानी होगी।
कोचिंग सेंटरों के लिए नए ट्यूशन नियम निजी कोचिंग उद्योग में अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और गुणवत्ता लाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। दिशानिर्देशों का उद्देश्य इन कोचिंग सेंटरों में शामिल होने वाले छात्रों के हितों और कल्याण की रक्षा करना भी है। शिक्षा मंत्रालय ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों से अपने क्षेत्रों में दिशानिर्देशों को लागू करने और कोचिंग सेंटरों द्वारा उनका अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है।